खांसी, जुकाम और सर्दी का आयुर्वेदिक उपचार दस मिनट में

सर्दी का मौसम हो या अचानक मौसम में बदलाव, खांसी, जुकाम और सर्दी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। नाक बहना, गले में खराश, छींक आना और शरीर में दर्द ये सब लक्षण शरीर की इम्युन सिस्टम के कमजोर होने का संकेत हैं। ऐसे में कई लोग ऐलोपैथिक दवाइयों की ओर रुख करते हैं, जिसके साइड इफ़ेक्ट  का भी डर  बना रहता है , लेकिन क्या आप जानते हैं कि खांसी, जुकाम और सर्दी का आयुर्वेदिक उपचार न केवल प्रभावी है, बल्कि इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं?

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आप केवल दस मिनट में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों से खांसी-जुकाम से राहत पा सकते हैं।

khasi jukam ayurvedic nuskhe

खांसी, जुकाम और सर्दी के मुख्य कारण

खांसी, जुकाम और सर्दी का आयुर्वेदिक उपचार अपनाने से पहले इसके कारणों को समझना जरूरी है तो आइये इसके मुखाये कारन को जानते हैं।  

  • वायरल संक्रमण: इसके मुख्य वायरस राइनोवायरस होती है लेकिन इसके आलावा अन्य वायरस भी है, जैसे -कोरोनावायरस, पैराइन्फ्लुएंजा वायरस 
  • धूल, धुआं या एलर्जी: हमारे आस-पास के वातावरण में महजूद प्रदूषण से गले में जलन और खांसी हो सकती है
  • ठंडा पानी : फ्रिज का ठंडा पानी, आइसक्रीम और कोल्डड्रिक इत्यादि  का सेवन
  • कमजोर इम्यून सिस्टम: अगर आपके पहले से ही इम्यून सिस्टम कमजोर है तो आपको ग्रसित का चांस ज्यादा है। 
  • मौसम परिवर्तन: मौसम में परिवर्तन जैसे ठंडी मौसम से गर्मी के मौसम का आना

खांसी, जुकाम और सर्दी के लक्षण

  • गले में खराश और जलन
  • नाक बहना या बंद होना
  • बार – बार छींक आना
  • सूखी या बलगमी खांसी
  • सिरदर्द
  • हल्का बुखार
  • थकान और बेचैनी

यदि इन लक्षणों को समय रहते न समझा जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है।

खांसी, जुकाम और सर्दी का आयुर्वेदिक उपचार और प्रभावी उपाय

  1. पान का पत्ता 

पान के पत्ता में बहुत ही अद्भुत आषधिये गन पाई जाती है जिससे ये दवा के रूप में हम उपयोग कर सकते हैं।  आयुर्वेद में पैन के पत्तो का उपयोग सास सबंधित दिक्क्तों के लिए काफी सदियों से होता आ रहा रहा है। इसके अंदर   एंटी-इंफ्लेमेटरी एंड एंटीमाइक्रोबियल उपलब्ध होती है जो की की गले में खरास को या फिर  होने वाले इन्फेक्शन से लड़ने की छमता होती है साथ ही बंद नाक और जकड़न को भी रहत देती है जिससे सास लेना आशान हो जाती है। 

इसके लिए दो फ्रेश पैन के पत्ते लेना है इसे धोकर सुखाकर छोटे- छोटे टुकड़े कर लीजिये रख लीजिये, एक छटा टुकड़ा अदरक का ले लीजिये इसको  कद्दूकस कर लीजिये ,  दो से तीन लौंग , सहद एक चम्मच और डेढ़ कप पानी अब सॉस पैन में डेढ़ कप पानी को लीजिये इसमें शहद को  छोड़कर सभी सामग्री को उसमें डालकर मध्यम फ्लेम पर इसको बॉयल होने दीजिये। तब तक बॉयल कीजिये जब तक डेढ़ कप पानी एक कप  जाये।  अब इसको एक कप के अंदर छान लीजिये और एक चम्मच शहद मिलादे। अब आपकी चमत्कारी दवा तैयार है।  इस रेमिडी का बेस्ट  लिए सुबह नास्ते के बाद और रत को सोने से पहले लें।  इसको लेने के बाद  सर्दी खासी में रिलीफ मिलेगा बल्कि सास लेना भी बहुत आसान हो जाता है। 

2. तुलसी का काढ़ा 

तुलसी का आयुर्वेदिक काढ़ा जो महत्वपूर्ण औषधि परिपूर्ण है।  इसे बनाने के लिए तीन – चार तुलसी के पत्ते, एक चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक, दो काली मिर्च दाने और  दो लौंग लीजिये।  सारे सामग्री को लेकर एक कप पानी में 3 से  4  मिनट तक उबलने दे उबलने के बाद इसे छान ले और थोड़ा ठंडा होने दे फिर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाये। अब आप दो बार पिए इससे आपको जल्द सर्दी, खासी में आराम मिलेगा।  

 3. सुखी खासी के लिए काढ़ा

सुखी खासी के लिए काढ़ा बनाने के  लिए इसके लिए एक  मुलेठी की डंडी,  एक चुटकी हल्दी और एक चम्मच कद्दूकस किया अदरक लीजिये।  सभी सामग्री को एक कप पानी में 3 से  4  मिनट तक उबलने दे।  इसके बाद इसे छान ले गुनगुना होने इसमें सेक चम्मच  शहद मिलकर पिए इससे आपको जल्द ही आराम मिलेगी।  

4. खांसी, जुकाम और सर्दी का आयुर्वेदिक पाउडर 

बदलते मौसम के कारण खांसी, जुकाम और सर्दी से परेशान हो  तो ये आर्युर्वेदिक पाउडर का उपयोग करें।  इसे बनाने के लिए अलसी 100 ग्राम , 100 सूखी लसोडा , उन्नाब और 20 ग्राम  पिप्पली मिलाकर पाउडर बनाये एक चम्मच सुबह एक चम्मच शाम गर्म पानी के साथ लें। बाहर की चीजे खाना छाए दे इससे आपको जल्द ही आराम मिलने लगेगी। 

 5. बच्चो के सामान्य खासी के लिए 

 बच्चे अगर रात को सोते समय बहुत खासते है तो ये उपाए अपना सकते हैं। इसे बनाने के लिए तिल का थोड़ा सा तिल का तेल एक कटोरी में ले  और थोड़ा सा कपूर ले उसे थोड़ा गर्म करके छान ले आओर बच्चो को रत को सोने से पहले उससे चेस्ट और पीठ पर मसाज करे।  इससे आपको  तुरंत आराम लिलेगी।  

6. बहुत बहते जुकाम के लिए घरेलु नुस्खे 

बहुत बहते जुकाम  परेशान है तो जल्द रहत के लिए लिए इस घरेलु नुस्खे को अपनाये। इसके पाँच  तुलसी के पत्ते , पॉँच  काली मिर्च पाँच लॉन्ग , एक बड़ी इलाइची , थोड़ी सी दालचिनि , थोड़ी सी अदरक , थोड़ी  सी और अजवाइन ले।  इन सभी सामग्री को एक गिलास पानी में तब तक उबले जब तक एक चौथाई पानी हो जाये तब उसे छान ले और पि ले। अगर पिने में करवा लगे तो उसमे थोड़ी सी मिश्री दाल दे। 

कुछ  आसान और तुरंत तैयार होने वाले आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे 

1. अदरक और शहद का सेवन (Ginger + Honey)

अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गले की सूजन और खांसी में राहत देते हैं। शहद गले को कोट करता है जिससे जलन कम होती है।

विधि:
1 चम्मच अदरक का रस + 1 चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और दिन में 2–3 बार सेवन करें।

2. तुलसी का काढ़ा (Basil Decoction)

तुलसी को आयुर्वेद में ‘संजीवनी’ कहा गया है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

विधि:

  • 8–10 तुलसी की पत्तियां
  • 1/2 चम्मच काली मिर्च
  • थोड़ा सा अदरक
  • 1 गिलास पानी
    इन्हें उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। दिन में 2 बार पिएं।

3. हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटीसेप्टिक है। यह संक्रमण से लड़ता है और गले को राहत देता है।

विधि:
गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।

4. भाप लेना (Steam Inhalation)

नाक की रुकावट और गले की खराश में तुरंत राहत देता है।

विधि:
गरम पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी (Eucalyptus) तेल की डालें और तौलिए से सिर ढककर भाप लें। दिन में 2 बार करें।

5. लौंग और मिश्री का मिश्रण

सूखी खांसी में बेहद कारगर उपाय है।

विधि:
2 लौंग को सेंककर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाएं और चबाएं।

दस मिनट में राहत पाने के टिप्स

यदि आप जल्दी में हैं और चाहते हैं कि आपको तुरंत आराम मिले, तो नीचे दिए गए उपाय अपनाएं:

  • अदरक + शहद तुरंत लें: गले की सूजन में 10 मिनट में असर दिखाता है
  • भाप लें: नाक खोलने और बलगम ढीला करने में तुरंत लाभ
  • तुलसी का काढ़ा: गर्मागरम पीने से छाती खुलती है
  • गर्म पानी से गरारे: नमक मिलाकर 3 मिनट गरारे करें

इनमें से कोई दो उपाय मिलाकर अपनाएं और केवल 10 मिनट में आराम महसूस करें।

7.  खासी के लिए बेस्ट  आयुर्वेदिक कफ सिरप 

खासी के लिए कुछ बेस्ट आयुर्वेदिक  कफ सिरप जो महत्वपूर्ण  जड़ीबूटीओ से परिपूर्ण  है। जैसे – टाटा 1mg तेजस्या कफ रिलीफ सिरप, Zandu आयुर्वेदिक कफ सिरप | Non-Drowsy और  पतंजलि दिव्य स्वासारि प्रवाही इत्यादि। 

बचाव ही बेहतर इलाज है

खांसी, जुकाम और सर्दी का आयुर्वेदिक उपचार अपनाने के साथ-साथ इन बातों का ध्यान रखें:

  • ठंडी चीजों से परहेज करें
  • गुनगुना पानी पिएं
  • दिन में दो बार भाप लें
  • हाथों को नियमित धोएं
  • भीड़ वाली जगहों में मास्क पहनें
  • विटामिन C युक्त फल आंवला खाये

आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाएं

आयुर्वेद केवल जड़ी-बूटियों का नाम नहीं है, यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है। यदि आप रोज़मर्रा के जीवन में आयुर्वेद के सिद्धांतों को शामिल करें, तो सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं खुद-ब-खुद दूर रहेंगी।

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठें
  • हल्का योग और प्राणायाम करें
  • दिन में गर्म भोजन करें
  • रात्रि को समय पर सोएं

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि  आपको  खांसी 7 दिनों से अधिक हो जाए , सांस लेने में दिक्कत हो, बुखार लगातार बना रहे, छाती में दर्द  हो तो आयुर्वेदिक उपचार के साथ आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिलें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *